ऑक्सीजन( oxygen) in hindi

 ऑक्सीजन( oxygen) in hindi –

 

ऑक्सीजन( oxygen) नाम – लेवोशिए ने दिया था. 
– यह आवर्त सारणी के VIA वर्ग (16 वर्ग) का प्रथम सदस्य है,         

जिसका परमाणु क्रमांक -8 
  परमाणु भार – 16 
– इसके तीन समस्थानिक है – 16o, 17o, 18o होते हैं,
– वायुमंडल में 21% ऑक्सीजन होती है. 
– ऑक्सीजन रंगीहीन गंध हीन, स्वादहीन, द्विपरमाणुक गैस होती है,   – जो स्वयं अज्वलनशील होती है, परंतु जलाने में सहायक होती है. 
-पेड़ पौधे एवं जंतुओं में 70 प्रतिशत भाग के रूप में ऑक्सीजन पाई    जाती है. 
– यह आवर्त सारणी के VIA वर्ग (16 वर्ग) का प्रथम सदस्य है,

जिसका परमाणु क्रमांक -8 
  परमाणु भार – 16 
– इसके तीन समस्थानिक है – 16o, 17o, 18o होते हैं,
– वायुमंडल में 21% ऑक्सीजन होती है. 
– ऑक्सीजन रंगीहीन गंध हीन, स्वादहीन, द्विपरमाणुक गैस होती है,   – जो स्वयं अज्वलनशील होती है, परंतु जलाने में सहायक होती है. 
-पेड़ पौधे एवं जंतुओं में 70 प्रतिशत भाग के रूप में ऑक्सीजन पाई जाती है. 
ऑक्सीजन गैस का निर्माण की विधियां (Methods of preparation of oxygen gas) – 
1 – ऑक्सीजन गैस का निर्माण प्रयोगशाला में पोटैशयम क्लोरेट 
       ( kclo3) की क्रिया मैंगनीज डाइऑक्साइड (mno2) की उपस्थिति में 513 केल्विन ताप पर अपघटन से होता है. 
2kclo3 ➡️  mno2/513k  ➡️ 2kcl +3o2
2 – सोडियम पराक्साइड (Na2O2) के जल अपघटन से भी ऑक्सीजन गैस का निर्माण होता है. 
 
Na2O2 + H2O ➡️   NaoH + O2
3 – औद्योगिक रूप से ऑक्सीजन का निर्माण जलीय सोडियम               क्लोराइड के विद्युत अपघटन से होता है. 
– अमोनिया (NH3) तथा ऑक्सीजन प्लेटिनम उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया कर नाइट्रसअम्ल (NO) बनाते हैं जिसे नाइट्रिक अम्ल(HNO3) के निर्माण की ओस्टवांल्ड विधि कहते हैं.
ऑक्सीजन के  उपयोग –
 1- श्वसन, दहन, किण्वन, मे उपयोग
 
2- कृत्रिम श्वसन में किया जाता है. (95% O2 और 5% CO2) 
3- इथाइल या एसिटिलीन तथा ऑक्सीजन गैस को ऑक्सी एसिटिलीन जवाला कहते हैं. जो गैस वेल्डिंग में धातुओं को जोड़ने      में इसका उपयोग किया जाता है. 
4- ऑक्सीजन गैस तथा हाइड्रोजन गैस दोनों मिलकरऑक्सिहइड्रोजन जवाला का निर्माण करते हैं.  जिसका उपयोग हम धातुओं को काटने में करते हैं. 
5-ऑक्सीजन तथा हाइड्रजीन का उपयोग हम रॉकेट में ईंधन के रूप में करते हैं.

Medical Oxygen क्या है जाने – 

oxygen की किल्लत से पूरे देश में लोग असमय मौत मर रहे हैं। ऐसा मंजर पहली बार देखा गया कि ऑक्सीजन की खपत एकदम से इतनी बढ़ गई कि नहीं मिलने पर जान जा रही है। इससे पहले शायद ही आपने विचार आया हुआ कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन कैसी होती है। कैसे हॉस्पिटल स्टोर किया जाता है। 
कैसे रखा जाता है किस प्रकार इसका उपयोग किए जाते हैं, संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे – 
 

मेडिकल ऑक्सीजन कैसे बनाई जाती है – 

मेडिकल ऑक्सीजन में प्लांट में एयर सेप्रेशन की मदद से हवा को ऑक्सीजन से अलग किया जाता है। उसे ऑक्सीजन बनाने के लिए सबसे पहले हवा को कंप्रेस किया जाता है। उसके बाद फिल्टर कर उसमें मौजूद अन्य गैस और अशुद्धियों को अलग किया जाता है। इसके बाद ऑक्सीजन पूरी तरह से पृथक  होती है और वे लिक्विड फॉर्म में तब्दील हो जाती है। और अंत में ऑक्सीजन को स्टोर कर लिया जाता है, पूरी प्रक्रिया के बाद ऑक्सीजन बनकर तैयार हो जाती है उसे मेडिकल ऑक्सीजन कहते हैं। 
वायु से अन्य गैसों की तकनीक को अलग करने की प्रक्रिया को हम क्रायोजनिक टेक्निकल फाॅर सेपरेशन आॅफ एयर कहते है।
सेपशन के भादो की जन करीब 99% शुद्ध हो जाती है उसके बाद से हॉस्पिटलों में उपयोग किया जाता है..

ऑक्सीजन की अन्य जानकारी – 

आप सभी को पता है कि ऑक्सीजन मानव शरीर में पशु पक्षियों के लिए जरूरी है। मानव शरीर यदि ऑक्सीजन नहीं मिलती है तो कुछ देर में दम घुटने लगता है, और कुछ देर में उसकी मृत्यु हो जाती है। क्योंकि ऑक्सीजन के जरिए ही मानव शरीर का हर अंग एक कार्य करता है, क्योकि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा पूरी होती है तो शरीर की स्प्रुती अधिक होती है। पेड़ पौधे रात को ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं, तथा कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालते हैं इसलिए व्यक्ति को रात के समय पेड़ पौधों के नीचे नहीं सोना चाहिए। क्योंकि अधिकतर ऑक्सीजन का ग्रहण पेड़ पौधे द्वारा कर लिया जाता है। जिस व्यक्ति के फेफड़ों की क्षमता ऑक्सीजन ग्रहण करने की गति धीमी होती है। उस व्यक्ति को पेड़ के नीचे सोने से दम घुटने लगता है इसलिए रात के  समय पेड़ के नीचे नही सोना चाहिए।