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उपसर्ग / विदेशी उपसर्ग –
उपसर्ग / विदेशी उपसर्ग – हिंदी भाषाओं में अन्य भाषाओं के शब्द में प्रयुक्त होते हैं. उनके उपसर्ग को हिंदी में विदेशी उपसर्ग की संख्या दी जाती है.
बे (रहित) –
बेवफा, बेदर्द, बेसमझ, बेवजह, बेहिसाब, बेहया, बेइज्जत, बेकसूर, बेकार, बेरहम,
दर( में ) –
दरअसल, दरबार, दरखास्त, दर हकीकत, दरगाह दरकिनार, दरवेश,
बा (सहित) –
बाइज्जत, बाकायदा, बामुलाइजा,बाअदब,
कम (अल्प) –
कमअक्ल, कमउम्र, कमजोर, कम समझ, कम अक्ल, कमकिस्मत, कम वक्त,
ला (बिना) –
लाइलाज, लावारिस, लापरवाह, लापता, लाजवाब,
हर (प्रत्येक) –
हरदम, हरवक्त, हररोज, हरहाल, हरमुकाम, हरघड़ी,
खुश (श्रेष्ठ) –
खुशनुमा, खुशहाल, खुशबू, खुशखबरी, खुशमिजाज
बद (बुरा) –
बदबू, बदचलन, बदमाश,बदकिस्मत, बदमिजाज
सर (मुख्य प्रधान) –
सरपंच, सरदार, सरकार, सरताज
बिला (बिना) – बिलाकसूर, बिलाकानून, बिलावज़ह
नेक (भला) – नेककाम, नेकदिल, नेकनियत
हम (साथ) –
हमराज, हमदम, हमसफर, हमदर्द
सब (उप) –
सब रजिस्टर, सब कमेटी, सब इंस्पेक्टर
को (सहित) –
को ऑपरेटिव, को ऑपरेशन, को एजुकेशन
ऐन (ठीक) –
ऐन वक़्त, ऐन जगह, ऐन मौके