कल्पना(imagination) कल्पना के प्रकार (types of imagination)

 कल्पना(imagination) कल्पना के प्रकार (types of imagination) –

कल्पना(imagination) कल्पना के प्रकार (types of imagination) – कल्पना मुख्य  दो प्रकार की होती है
प्रथम प्रकार की कल्पना- प्रथम प्रकार की कल्पना में दिव्या सपने होते हैं. जिनकी सहायता से व्यक्ति काल्पनिक दुनिया में काल्पनिक दुनिया का निर्माण करता है.
द्वितीय प्रकार की कल्पना – द्वितीय प्रकार की कल्पना सर्जनात्मकता होती है. जिसके द्वारा रचनात्मक कार्य सोचे जाते हैं. इस कल्पना का विशेषण करने वाले मनोविज्ञान हेल्म होल्ज ने दिया था.

मेक्डूगल द्वारा वर्णित कल्पना के प्रकार – 

(I) पुनर उत्पादक- यह कल्पना पूर्व अनुभव पर आधारित होती है. 
(ii) सर्जनात्मक – यह कल्पना भौतिक वस्तुओं को बनाने के काम आती है. जैसे कविता लिखना
(iii) उत्पादक – यह कल्पना पूर्व सामग्री के आधार पर नई सामग्री उत्पन्न करना. 
(iv) रचनात्मक – इस कल्पना के द्वारा भौतिक वस्तुओं की रचना की जाती है. 
जैसे मकान बनाना, महल बनाना, सड़क बनाना, पुलिया बनाना. 

कल्पना का शिक्षा में महत्व-

(I) कल्पना बालक को ज्ञान अर्जित करने तथा उनके मस्तिष्क विकास को प्रोत्साहित करने में सहायता करती है. 
(ii) कल्पना बालक के अनुभव को दूर तक ले जाती है तथा एक नई दिशा प्रदान करती है. 
(iii) कल्पना के द्वारा बालक को अपने भावी जीवन का चित्र प्रस्तुत करने के साथ ही जीवन की तैयारी के लिए सहयोग मिलता है.   

 (iv) कल्पना द्वारा बालक का नैतिक एवं चारित्रिक विकास होता है. 

(v) कल्पना द्वारा मानसिक शक्ति का भी विकास होता है.

(vi) कल्पना के द्वारा बालक की रुचियां, इच्छा, योग्यता आदि को प्रगट करने में मदद मिलती है. 
(vii) कुशल शिक्षा के कल्पना द्वारा बालों को उचित दिशा प्रदान कर सकता है.