बाल अपराधी बालक (Juvenile Delinquency Children) –

 बाल अपराधी बालक (Juvenile Delinquency Children) –

बाल अपराधी बालक (Juvenile Delinquency Children) – 
बाल अपराधी का अर्थ है सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ कानून होते हैं. इन कानून का पालन करने के लिए अनिवार्यता है चाहिए व्यस्क हो या बालक , यदि बालक समाज विरोधी कार्य करता है. तो वह बाल अपराध की श्रेणी में आता है. सामान्य शब्दों में जो बालक अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति समाज में अमान्य व्यवहार से करता है. उसे ही बाल अपराधी कहते हैं.
जो बालक सामाजिक नियमों का उल्लंघन करता है समाज विरोधी विरोधी कार्य करते हैं. वह बाल अपराध की श्रेणी में आता है जो बालक 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति द्वारा किया जाने वाला है अपराध बाल अपराध किस श्रेणी में आता है. ऐसा बालक चोरी, उठाई गिरी, जेब काटना, धोखाधड़ी, जुआ खेलना, मादक पदार्थों का सेवन करना, निर्देशक से भटकना, हत्या संबंधित कार्य करना. जैसे अनेक कार्य करता है. वह बालक बाल अपराध की श्रेणी में आता है.

बाल अपराध विज्ञान का जनक ‘सीजर लंब्रोसो को’ माना जाता है.

बाल अपराधी की विशेषताए – बाल अपराधी बालक स्वभाव से विध्वंसत्मक प्रवृत्ति का आक्रमण प्रवृत्ति का होता है.
ऐसे बालकों में नैतिकता का भाव होता है. स्नेह का अभाव होता है. ऐसे बालक समस्याओं को सही तरीके से हल करने में कम रुचि रखते हैं. बाल अपराधी बालक पुष्ट मांसपेशियों से युक्त एवं इनकी आकृति आयत आकृति होती है.

बाल अपराधी बालक (Juvenile Delinquency Children)