बुद्धि का व्दि तत्व सिद्धांत(Two factor Theory) प्रतिपादक

 बुद्धि का व्दि तत्व सिद्धांत(Two factor Theory) प्रतिपादक-

बुद्धि का व्दि तत्व सिद्धांत(Two factor Theory) प्रतिपादक
बुद्धी तत्व सिद्धांत के प्रतिपादक  चार्ल्स स्पियरमेन ने 1904 में दिया था.
 चार्ल्स स्पियरमेन ने कारक विश्लेषण पद्धति के आधार पर अपने सिद्धांत में बुद्धि के दो कारक बताइए

1- सामान्य तत्व (जी कारक) – 

जन्मजात होता है और व्यक्ति में इसकी संख्या एक होती है. जी कारक जीवन में सफलता या असफलता के लिए जिम्मेदार होता है.जी कारक को राजा के समान माना जाता है.

2- विशिष्ट तत्व (एस कारक) –

यह एक अर्जित प्रवृत्ति है.एक व्यक्ति मे कई प्रकार के एस कारक हो सकते हैं. S कारक अधिगम एवं प्रशिक्षण के द्वारा बदला जा सकता है. प्रजातंत्र के समान कार्य करता है.

त्रि तत्व सिद्धांत (Three – Factor Theory) –

बुद्धी के त्रि तत्व सिद्धांत के मुख्य प्रतिपादक चार्ल्स स्पियरमेन ही है 
चार्ल्स स्पियरमेन ने सन 1911 में बुद्धी के ( S + G) कारक को जोड़कर कर इसका नाम त्रि तत्व सिद्धांत रखा 

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