कुंभलगढ़ का किला राजसमंद

 कुंभलगढ़ का किला (राजसमंद)  कुंभलगढ़ के किले का निर्माण 1443 से 1456 ई. तक हुआ था.  इसका निर्माण महाराणा कुंभा ने अपनी पत्नी कुम्भलदेवी की याद में कुंभलगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया थाकुंभलगढ़ का किला अरावली की जरगा पहाड़ी पर स्थित है. कुंभलगढ़ के अंदर एक छोटा सा दुर्ग है. जिसका नाम कटारगढ़ है. वास्तुकार … Read more

राणा कुंभा की जीवनी Biography of Rana Kumbha in Hindi

 राणा कुंभा की जीवनी Biography of Rana Kumbha in Hindi राणा कुंभा की जीवनी Biography of Rana Kumbha in Hindi पिता  – राणा मोकल माता – सौभाग्य देवी जन्म – 1423 ई.      मृत्यु – 1468 ई. राणा कुंभा की उपाधियाँ – 1 – अभिनव भारताचार्य – श्रेष्ठ वीणा वादक एवं संगीत के क्षेत्र में … Read more

हल्दी घाटी का युद्ध, हल्दी घाटी का युद्ध कब हुआ

हल्दी घाटी का युद्ध, हल्दी घाटी का युद्ध कब हुआ  हल्दी घाटी का युद्ध, हल्दी घाटी का युद्ध कब हुआ, हल्दी घाटी का युद्ध किनके बीच हुआ था, हल्दी घाटी युद्ध परिचय – तारीक – 18 जून 1576 ई. Note – डॉ. गोपीनाथ शर्मा के अनुसार युद्ध 21 जून 1576 ई. को हुआ था. प्रताप … Read more

आवल बावल की संधि कब हुई, आवल बावल की संधि किन के बीच हुई थी

 आवल बावल की संधि कब हुई, आवल बावल की संधि किन के बीच हुई थी, आवल बावल की संधि कब हुई हम आपको बता दें कि आवल बावल की संधि  राणा लक्खा की पत्नी हंसाबाई जिनके पुत्र राणा मोकल हुआ था. मोकल की पत्नी सौभाग्य देवी ने पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम राणा कुंभा … Read more

चंपानेर की संधि कब हुई थी, चंपानेर की संधि किनके बीच हुई,

चंपानेर की संधि कब हुई थी, चंपानेर की संधि किनके बीच हुई, यह संधि मालवा व गुजरात के बीच 1456 में हुई थी. मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी और गुजरात के सुल्तान कुतुबुद्दीन ने महाराणा कुंभा को हराकर उसका मुल्क आपस में बांटने के लिए एक साथ मिलकर आक्रमण करने हेतु चंपानेर में एक संधि … Read more

पृथ्वीराज चौहान (पृथ्वीराज तृतीय)

 पृथ्वीराज चौहान (पृथ्वीराज तृतीय) जन्म – 1166 ई. पिता – सोमेश्वर माता – रानी कर्पूरीदेवी ( दिल्ली शासक अनंगपाल तोमर की पुत्री) उपाधि – दलपंगुल, रायपिथौरा घोड़ा का नाम – नाट्यरंभा शासन काल – 1177ई. से 1192ई. तक संरक्षक  प्रधानमंत्री – कदमवास (कैमास) सेनापति –  भुवनमल    माँ       – कर्पूरीदेवी पृथ्वीराज तृतीय के … Read more

राजस्थान एकीकरण का सामान्य परिचय

 राजस्थान एकीकरण का सामान्य परिचय 

राजस्थान का एकीकरण  – राजस्थान के एकीकरण की शुरुआत 18 मार्च 1948 को हुई तथा एकीकरण पूरा 1 नवंबर 1956 हुआ. 

एकीकरण में लगा समय – 8 वर्ष 7 माह 14 दिन का समय
राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूर्ण हुआ था.
भारत आजादी के समय ब्रिटेन का प्रधानमंत्री मजदूर दल का क्लिमेनएटली था. कांग्रेस का अध्यक्ष – जेपी कृपलानी 
 भारत का वायसराय – लॉर्ड माउंटबेटन था

भारत 15 अगस्त 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन रिपोर्ट के आधार पर आजाद हुआ. 

एकीकरण के लिए रियासत आयोग का गठन 5 जुलाई 1947 को हुआ था. जिसके अध्यक्ष सरदार वल्लभभाई पटेल के एकीकरण में सर्वाधिक योगदान वल्लभभाई पटेल का रहा था. 
एकीकरण के दौरान राजस्थान में कुल 19 रियासतें तीन ठिकाने व अजमेर मेरवाड़ा (दूसरे कार्यकाल – आबू) केंद्र शासित प्रदेश था. 
एकीकरण के दौरान सबसे बड़ी रियासत – मारवाड़ तथा सबसे छोटी रियासत – शाहपुरा वर्तमान में भीलवाड़ा में है. 

सबसे प्राचीन रियासत- मेवाड़ की सबसे नवीन रियासत – झालावाड़ थी. 

झालावाड़ एकमात्र ऐसी रियासती थी इसका निर्माण अंग्रेजों ने किया था. 

जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत आमेर थी. 

एकीकरण के समय 3 ठिकाने – 

     ठिकाने                                       शासक

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